Description
चंद्रकांता- देवकीनंदन खत्री कृत उपन्यास ‘चद्रंकाता’ एक शुद्ध लौकिक प्रेम कहानी है जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत करते हैं। ‘चद्रंकाता’ ऐसी औपन्यासिक रचना है जिसने जनसाधारण में उपन्यास पढ़ने की प्रवृत्ति जागृत की एवं पहली बार हिन्दी पाठकों को कथा रस से अवगत कराकर उन्हें अभिभूत कर लिया।
चंद्रकांता संतति (छह भाग में) – ‘चद्रंकांता संतति’ द्वेष, घृणा एवं ईर्ष्या पर प्रेम के विजय की महागाथा है जिसने उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशकों में धूम मचा दी थी। देवकीनदंन खत्री के उपन्यास को पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने हिन्दी सीखी थी। करोड़ों लोगों ने इन्हें चाव के साथ पड़ा था और आज तक पढ़ते आ रहे हैं? हिन्दी की घटना प्रधान तिलिस्म और ऐयारी उपन्यास-परपंरा के ये एकमात्र प्रवर्तक और प्रतिनिधि उपन्यास हैं। कल्पना की ऐसी अद्भुत उड़ान और कथा-रस की मार्मिकता इन्हें हिन्दी साहित्य की विशिष्ठ रचनाएं सिद्ध करती है।
Author: Devkinandan Khatri
Publisher: Diamond Pocket Books (Pvt.) Ltd.
ISBN-13: 9788128400414
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 240
Country of Origin: India
International Shipping: No
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