Description
यह पुस्तक ही नहीं
गांधी के जीवन की परिक्रमा है,
गांधी जहाँ से चले थे
जो लेकर चले थे
उसके प्रतिदान में जो दे गए
उसकी समझ-खिड़की
बंद कर दी है,
उसे खोलकर
नई-ताजा हवा से
श्वास-विश्वास में
पुन: जीवन पाने के
अनुभव से गुजरने की
तीर्थयात्रा है।
एक बार उठाओगे
आँखों से लगाओगे
पढ़ते चले जाओगे,
जीने का व्रत ले
ताउम्र उसके हो जाओगे।
इसमें बच्चों की भाषा है
सरल पारदर्शी चित्रशाला है,
प्रेम-अहिंसा-करुणा ने
सत्य के साक्षात्कार
से अमृत-सा मिलाया है।
-राजेंद्र मोहन भटनागर
महात्मा गांधी की ऐसी झाँकी है यह पुस्तक, जो पाठक के मन-मस्तिष्क में उनके प्रेरक जीवन की अमित छाप छोड़ देगी।
Author: Rajendra Mohan Bhatnagar
Publisher: Rajendra Mohan Bhatnagar
ISBN-13: 9.78818E+12
Language: Hindi
Binding: Hardbound
No. Of Pages: 200
Country of Origin: India
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