Description
घरौंदा’ रांगेय राघव के प्रारंभिक उपन्यासों में से एक है- पहले यह ‘घरौंदे’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ था- बाद में स्वयं लेखक ने इसका शीर्षक बदल दिया। इस उपन्यास का सृजन रांगेय राघव ने अपने विद्यार्थी जीवन में किया था। इस उपन्यास को लिखते समय उन्हें प्रतीत हुआ था कि सिर्फ कल्पना से अच्छा उपन्यास नहीं लिखा जाता- इसीलिए उन्होंने ऐसा विषय उठाया था जिस पर उनका पूर्ण अधिकार था। ‘घरौंदा’ का विषय वही था जिसमें से लेखक उसके रचनाकाल के दौरान गुजर रहा था। उनकी प्रारंभिक कृति होते हुए भी यह उपन्यास बहुचर्चित रहा।
Author: Rangey Raghav
Publisher: Rajpal Publishing
ISBN-13: 9788170282297
Language: Hindi
Binding: Hardbacks
No. Of Pages: 243
Country of Origin: India
International Shipping: No
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