Description
महिला रचनाकारों में पहली आत्मकथा लिखने वाली कुसुम अंसल का कथा साहित्य विपुल है । उनकी रचनाएं पारम्परिकता और आधुनिकता के अद्भुत मेल से निकली हैं । भाव चित्रों से अनुसंधान की कगार तक निकल जाना इस रचनाकार का मूल स्वभाव रहा है । वन्दना यादव के सम्पादन में आई यह मूल्यांकन पुस्तक कुसुम अंसल के कथाकार को बहुविध रूप में देखती– समझती है । स्त्री मनोविज्ञान की गूढ़ आकृति हो या मुखर खामोशी, जीवन का सार तत्व उकेरना हो या जीवन्त प्रश्नों को उभारना, हाल–बेहाल विधवाओं की जुबां बनना हो या मानवीय चेतना पर दस्तक देना, कठघरे से बाहर आने की कसक हो या समाज की मूल सच्चाईयां उजागर करना, कुसुम अंसल का कथा साहित्य अलग ही ढंग का है । उस पर अपने समय के उल्लेखनीय रचनाकारों, आलोचकों और सम्पादकों ने इस पुस्तक में पूरे मन से विचार किया है । निश्चय ही यहां उन पर एक ऐसा प्रथम आयोजन है जो शोधार्थियों, शिक्षकों, युवा समालोचकों के लिए एक संग्रहणीय रूप ले सका है।
Author: Vandana Yadav
Publisher: Samayik Prakashan
ISBN-13: 9788193674963
Language: Hindi
Binding: Hardbond
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 176
Country of Origin: India
International Shipping: No
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