Description
पंकज एक राइटर था। उसका सपना था उसकी स्टोरी पर फिल्म बन जाए। इस धुन में वह एक बड़े पेंतरेबाज से जा टकराया। जुल्म की दलदल में धंसता चला गया वह और फिर उस दलदल से निकलने के लिए उसने भी चला एक पैंतरा। परन्तु क्या उसका पैंतरा कामयाब हुआ? कहीं ऐसा तो नहीं हो गया कि जिसे वह अपना पैंतरा समझ रहा था वह भी उसी का पैंतरा निकला, जिसने उसे जुर्म की दलदल में फँसाया था।
Author: Ved Prakash Sharma
Publisher: Penguin Random House
ISBN-13: 9789353493523
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 339
Country of Origin: India
International Shipping: No
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