Description
प्रस्तुत निबंध संग्रह में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के चौदह आलोचनात्मक निबंध संगृहीत हैं जो वर्तमान हिंदी साहित्यं के विषय पर लिखे गये हैं ! राष्ट्रकवि ने इस निबंध संग्रह में इतिहास के दृष्टिकोण से, दृश्य और अदृश्य का सेतु कला में सोदेश्यता का प्रश्न, हिंदी कविता पर अशक्तता का दोष, वर्तमान कविता की प्रेरक शक्तियां, समकालीन सत्य से कविता का वियोग हिंदी कविता और छंद, प्रगतिवाद, समकालीनता की व्याख्या, काव्य समीक्षा का दिशा-निर्देश, साहित्य और राजनीती, खडी बोली का प्रतिनिधि कवी, बलिशाला ही हो मधुशाला, कवि श्री शियाराम्शरण गुप्त, तुम घर कब आओगे कवि इत्यादि विचारोत्तेजक निबंध संगृहीत हैं ! आशा है नये कलेवर में सजाई संवारी संग्रह पाठकों को अवश्य पसंद आयेगा |
Author: Ramdhari Singh 'Dinkar'
Publisher: Lok Bharti Prakashan
ISBN-13: 9788180314155
Language: Hindi
Binding: Hardbound
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 168
Country of Origin: India
International Shipping: Yes
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