Description
करुणा यानी एक जीवंत प्रेम का प्रवाह। करुणा का अर्थ है बहता हुआ प्रेम। जिसे हम प्रेम कहते हैं वह प्रेम बंधा हुआ प्रेम है, वह किसी एक पर बंध कर बैठ जाता है। और प्रेम जब बंध जाता है तब वह भी करुणापूर्ण नहीं रह जाता है, वह भी हिंसापूर्ण हो जाता है। जब मैं किसी एक को प्रेम करता हं तो अनजाने ही मैं शेष सारे जगत के प्रति अप्रेम से भर जाता हूं। और यह कैसे संभव है कि इतने बड़े जगत को मैं अप्रेम करूं और किसी एक को प्रेम कर सकूँ?
नहीं, वह एक के प्रति प्रेम भी मेरा झूठा ही होगा, क्योंकि इतने विराट जगत के प्रति जिसका कोई प्रेम नहीं उसका एक के प्रति प्रेम कैसे हो सकता है?
ओशो
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु
* वर्तमान में जीने के सूत्र
* करुणा और ध्यान
* मैत्री का अर्थ
* प्रेम और ध्यान
* मुदिता
* उपेक्षा
Author: Osho
Publisher: Diamond Pocket Books (Pvt.) Ltd.
ISBN-13: 9789390088652
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
Country of Origin: India
International Shipping: No
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