Description
कुबेरनाथ राय के निबन्धों के वैशिष्टï्य का एक महत्त्वपूर्ण आधार उनकी अद्भुत रचना-भंगिमा तथा भाषा-शैली है। उनमें अध्ययन-प्रसूत विचार-गाम्भीर्य और सहज स्फूर्त भाव उद्वेग का अद्भुत सामंजस्य है। कहीं-कहीं तो दोनों का ऐसा संश्लेष है कि विचारों की गहनता रम्य हो गयी है और भावों की रम्यता गहन। श्री राय की भाषा अत्यन्त समृद्ध है। संस्कृत की तत्सम शब्दावली, बोल-चाल की हिन्दी का शब्द-भण्डार, किरात-निषाद, यक्ष, गन्धर्व संस्कृतियों के साक्ष्य का निर्देशन करने वाले अनेक शब्द, अंग्रेजी भाषा के जाने कितने शब्द सबने मिलकर श्री राय की भाषा को समृद्ध कर दिया है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के बाद हिन्दी-निबन्ध साहित्य को महत्त्व और गरिमा प्रदान करने वाले रचनाकारों में श्री कुबेरनाथ राय अपने व्यापक अध्ययन, मिथकीय समीक्षा-सामथ्र्य, प्रकृति सम्बन्धी सोच, लोक-सम् पृक्ति, संस्कृति-निष्ठïा एवं चिन्तन कवित्व-संश्लेषणजनित विशिष्टï रचना भंगिमा के कारण प्रथम में अधिष्ठिïत हैं।
Author: Kuber Nath Rai
Publisher: VISHWAVIDYALAYA PRAKASHAN
ISBN-13: 8171242057
Language: HINDI
Binding: HARD BOUND
Product Edition: 2023
No. Of Pages: 116
Country of Origin: INDIA
International Shipping: Yes
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