Description
स्वामी विवेकानन्द की वाणी के इस संग्रह में सबसे पहले शिकागो की विश्व-धर्म-सभा में उनके दिये गये व्याख्यान हैं। स्वामी जी और उनके शब्दों में छिपी किसी अव्यक्त वस्तु ने ही उन श्रोताओं को अनुप्राणित कर दिया था कि इस वाणी में खोखली भावुकता की बजाय वास्तविक सत्य की अभिव्यक्ति हुई थी और उसने सबके हृदय में एक विस्मृत आत्मिक एकता का बोध जागृत कर दिया था।
About the Author:
अवदेश प्रधान: 10 नवम्बर 1952 को गाजीपुर जिले (उ. प्र.) के सुल्तानपुर गाँव में जन्म। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से 1975 में हिन्दी में एम. ए., 1978 में पीएचडी। लगभग 40 वर्षों तक अध्यापन। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर पद से जून 2020 में सेवानिवृत्त।
Author: AVDESH PRADHAN
Publisher: Setu Prakashan
ISBN-13: 9789393758057
Language: HINDI
Binding: PAPER BACK
Product Edition: 2023
No. Of Pages: 548
Country of Origin: INDIA
International Shipping: Yes
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