Description
स्वाधीनता संग्राम के लिए क्रांतिकारियों के अवदान का इतिहास लिखने की बात एक लंबे अरसे से उठ रही थी | कुछ प्रयत्न भी हुए लेकिन वे उन लोगों के द्वारा किये गए थे जो बाहर के लोग थे | उन्हें इस आंदोलन के आतंरिक परिप्रेष्य का इस कारण भी नहीं पता था की कर्न्तिकारियों ने अपनी गतिविधियों का कोई लिखित विवरण अथवा डायरी प्रकाशित नहीं की थी | उनमे घटनाएं तो थी लेकिन अन्तः प्रसंगों के अभाव में वे प्रायः बेजान और अधूरे रह गए थे | सिंहावलोकन ने इस कमी को पूरा किया लेकिन यशपाल इसे इतिहास नहीं मानते | उनका कहना था की क्रांतिकारियों के कृतित्व और व्यक्तित्व के आतंरिक प्रत्यक्षीकरण के बिना इस महान आंदोलन का आकलन संभव नहीं है | निश्चय ही इसे संपन्न करने के लिए एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो इस आंदोलन के वैचारिक एवं भावात्मक आयामों से व्यक्तिगत रूप से जुड़ा हो | सिंहावलोकन द्वारा यशपाल ने एक महत्तम कार्य को अपनी रचनात्मक ऊर्जा देकर एक महाकाव्यात्मक रूप प्रदान कर दिया है जो इतिहास होने के साथ साथ समूचे स्वाधीनता आंदोलन की समीक्षा और विवरण है |
Author: Yashpal
Publisher: Lokbharti Prakashan
ISBN-13: 9789386863317
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 520
Country of Origin: India
International Shipping: No
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