Description
ऐसे दौर में जब लोकतन्त्र में कई गैर लोकतान्त्रिक तरीकों से असहमति को दबाये जाने का एक सुनियोजित अभियान ही चल रहा है, तब अशोक वाजपेयी उन सार्वजनिक रूप से सक्रिय व्यक्तियों में से हैं जो कविता, लेखन, वक्तव्य और कर्म के अनेक स्तरों पर असहमति को विन्यस्त और मुखर कर रहे हैं। तरह-तरह से डराई जा रही व्यवस्था में वे निडर रहकर अपनी बात कहते हैं। वे उन लोगों में से हैं जो अन्त:करण के आयतन को संक्षिप्त होने से लगातार बचाने का अथक यत्न करते रहे हैं। ‘कम से कम’ की कविताएँ ज़्यादा से ज़्यादा मानवीय बने रहने का अभ्यास हैं: वे इसका साक्ष्य हैं कि कठिन से कठिन समय में कविता मनुष्य बने रहने की सम्भावना की जगह होती है।
Author: Ashok Vajpayee
Publisher: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9789388753746
Language: Hindi
Binding: Hardbound
No. Of Pages: 71
Country of Origin: India
International Shipping: No
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