Description
ग्राम-जीवन के प्रति समॢपत और प्रतिबद्ध लेखक के कलम की करामात ‘बनगंगी मुक्त है’ में नयी खेती, चकबंदी, ग्रामसभा का चुनाव और स्वातंत्र्योत्तर गिरावट की पृष्ठïभूमि में समग्र नये ग्राम परिवेश की जिस विराट परिकल्पना की बुनावट लेखक ने कर डाली है, वह अद्भुत है। आंचलिक रस-गन्ध वाले शब्दों और पदों को वाक्यों के बीच-बीच में सटीक और सहज व्यंजक रूप में पिरोये हुए, चमत्कारिक तृप्ति तथा अतिरिक्त रागात्मक प्रभाव के साथ व्यक्ति मन को छू लेते हैं। यहाँ-तहाँ नाना प्रकार की छोटी-मोटी कहानियों, मनोरंजन घटनाएँ और ग्रामजीवन के मिथक-मुहावरे आदि अद्भुत कसाव के साथ, कथा-धारा में रंगीन बुलबुलों की तरह घुले-मिले उभरे हैं। भाषा के धनी, माटी की गंधानुभूति के धनी और कथा-रस-सृजन क्षमता के धनी इस शिल्पी की कृति के बीच से गुजरना पाठकों को प्रीतिकर और सुखद लगेगा।
Author: Viveki Rai
Publisher: VISHWAVIDYALAYA PRAKASHAN
ISBN-13: 9788171247585
Language: HINDI
Binding: PAPER BACK
Product Edition: 2023
No. Of Pages: 109
Country of Origin: INDIA
International Shipping: Yes










Reviews
There are no reviews yet.