Description
पूजा प्रकाश बिहार के एक छोटे से शहर से अपने सपनों का सूटकेस उठाए दिल्ली चली आती है। अठारह साल की उम्र में ही उसकी आंखों ने पुलिस अफ़सर बनने का मुश्किल सपना तो देख लिया है, लेकिन दिल्ली की रोज़मर्रा की ज़िंदगी के संघर्ष उन सपनीली आंखों की किरकिरी बन जाते हैं। भली लड़कियाँ, बुरी लड़कियाँ की बुनावट की नींव में रोज़-रोज़ की यही जद्दोज़ेहद है, जिसका सामना दिल्ली शहर में रहने वाली हर लड़की किसी न किसी रूप में करती है। यह उपन्यास जवानी की दहलीज़ पर क़दम रखती पूजा प्रकाश के प्रेम में पड़ने, धोखे खाने, और उन धोखों से सबक लेते हुए अपने तथाकथित प्रेमी को सबक सिखाने की सतर्क चालें बुनने की कहानी बयां करता है। यह कहानी जितनी पूजा की है, उतनी ही उसके साथ उसकी पीजी में रहने वाली लड़कियों—मेघना सिम्ते, सैम तनेजा और देबजानी घोष की भी है। अलग-अलग परिवेशों और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमियों से आई ये लड़कियां किस तरह एक-दूसरे के साथ खड़ी होकर इस पुरुषवादी समाज के एक और हमले का मुक़ाबला करती हैं—भली लड़कियाँ, बुरी लड़कियाँ उसी की कहानी है।
Author: Anu Singh Choudhary
Publisher: Hind Yugm
ISBN-13: 9789387894730
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 176
Country of Origin: India
International Shipping: No
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