Description
बुद्ध के जीवन पर आधारित इस उपन्यास में बुद्ध के सभी सिद्धान्तों को कथा-सूत्र में पिरोकर प्रस्तुत किया गया है, जिन्हें बुद्ध के बुद्धत्व की थाती माना गया। सहज, जीवन से जुड़ी भाषा में लिखा गया उपन्यास बुद्ध या उनके दर्शन को लेकर कोई विमर्श खड़ा करने का प्रयास न करके उनकी जीवन की घटनाओं के साथ भौतिक संसार से शनै:-शनै: उनके मोहभंग को दिखाता हुआ उनकी निर्वाण-यात्रा के पथ को पुन: आलोकित करता है। वह भी इतनी सहज गति के साथ कि कहीं-कहीं वह आपको अपनी ही यात्रा लगने लगती है।
यह उपन्यास के सहजता के ही कारण है कि इसे पढ़ते हुए हमारे मन में अपने आसपास व्याप्त हिंसा, असहिष्णुता और पौरुष के निकृष्टतम संस्करणों का सर्व-स्वीकृत प्रचलन चकित करने लगता है। किसी भी विभूति के जीवन को आधार बनाकर लिखे गए उपन्यास की सबसे बड़ी सफलता यही मानी जानी चाहिए कि वह तर्कों के नहीं, संवेदना के स्तर पर हमें कितना उस व्यक्ति के जीवन और प्रतिश्रुतियों से जोड़ता है। इस अर्थ में यह सर्वथा सफल उपन्यास है।
Author: Shiv K. Kumar
Publisher: Rajkamal Prakashan
ISBN-13: 9788126728312
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2021
No. Of Pages: 176
Country of Origin: India
International Shipping: No
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