Description
रवीन्द्र कालिया के इस संस्मरण-संग्रह का शीर्ष आलेख छूटी सिगरेट भी कमबख्त आज पढ़कर वे दिन याद आते हैं जब कई मौकों पर उन्होंने सिगरेट छोड़नी चाही मगर नाकामयाब रहे। हर सिगरेट-प्रेमी की दिक्कत यही है की वह सोचता है-वह कल से सिगरेट पिन छोड़ देगा। कभी होंठ जले तो कभी उँगलियाँ, कभी दृ जली तो कभी बिस्तर लेकिन छूटी वह तब जब शरीर ने बगावत करनी शुरू की।
About the Author:
जन्म; 11 नवम्बर 1938 को जालन्धर, पंजाब में हुआ। सठोत्तरी पीढ़ी में रवीन्द्र कालिया की महत्त्वपूर्ण रचनात्मक भूमिका रही है। आपकी ख्याति उपन्यासकार, कहानीकार, संस्मरणकार और कुशल सम्पादक के रूप में रही है।
Author: RAVINDRA KALIA
Publisher: Setu Prakashan
ISBN-13: 9788196213824
Language: HINDI
Binding: PAPER BACK
Product Edition: 2023
No. Of Pages: 175
Country of Origin: INDIA
International Shipping: Yes
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