Description
देहरी पर दीपक का यथार्थ वह ग्रामीण भारतीय जनमानस जानता है, जो आज के उत्तर आधुनिक, उग्र उपभोक्तावादी दौर से पहले का है। देहरी के दीपक में आश्वस्ति है, उसमें ऊष्मा है, भरोसा है अन्धकार के भीतर सुरक्षित रहने का। उसी तरह माधव हाड़ा का दीपक बौद्धिक विवेक का आश्वासन है। इसमें समय और समाज के साथ सार्थक संवाद है। इसलिए इसमें मीरा और सूरदास हैं तो तुगलक और ब्रह्मराक्षस भी। अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की भारतीय परम्परा है तो छायावाद का विश्लेषण भी।
Author: Madhav Hada
Publisher: Setu Prakashan
ISBN-13: 9789391277246
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2021
No. Of Pages: 216
Country of Origin: India
International Shipping: No
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