Description
बीते कुछ दशकों में अरब देशों ने अतिवाद, हिंसा और आतंकवाद की सबसे घिनौनी और खौफनाक तसवीरों को देखा है, जिन्हें धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण करनेवाली सोच और तकरीरों से भड़काया व उकसाया जाता है। ऐसे विचारों और तकरीरों से नफरत व खून-खराबा को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे समाज बँट जाता है और सभ्यता की बुनियाद ही खतरे में पड़ जाती है। अगर ऐसी सोच का इलाज नहीं होगा, तो उनका अंतिम परिणाम खतरनाक बौद्धिक भटकाव के रूप में दिखेगा, जो सारे अरब देशों को निराशा, हताशा, संकट एवं विघटन के गर्त में धकेल देगा। इन मुश्किल और निराशाजनक परिस्थितियों के बीच लेखक महात्मा गांधी की बौद्धिक विरासत को फिर से याद करते हैं और उनके मुख्य संदेशों पर विचार करते हैं। उनके जीवन के विभिन्न चरणों के माध्यम से लेखक उन विरोधाभासी परिस्थितियों पर रोशनी डालते हैं, जो पहले से मौजूद थीं और जिनके कारण मुसलमानों की राय भारत से अलग हो गई, चाहे खिलाफत का मुद्दा हो या फिर गांधी के कुछ विचारों के प्रति मुसलमानों की आशंका। ‘गांधी और इस्लाम’ इस्लाम और मुस्लिम देशों के सामने आई चुनौतियों से गांधीवादी तरीके से निपटने का एक प्रयास है
Author: Abdulnabi Alshoala
Publisher: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9789355620521
Language: Hindi
Binding: Hardbound
Country of Origin: India
International Shipping: No
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