Description
ईसा पूर्व छठी शताब्दी में आनंद-प्राप्ति की खोज व जिज्ञासा के कारण विश्व में ऐसा प्रबुद्ध वर्ग सामने आया, जिसने अपने पूर्वजों के विचारों से भिन्न नए-नए विचार प्रतिपादित किए। वस्तुतः ज्ञान की दृष्टि से यह ऐसा युगांतरकारी समय था, जब चीन में कन्फ्यूशियस और लाओ-त्से, फारस में जोरोस्त्र, यूनान में पाइथागोरस तथा भारत में महावीर एवं बुद्ध जैसी महान् विभूतियों ने नए युग का सूत्रपात किया। भले ही उनकी शिक्षाएँ भिन्न-भिन्न थीं, लेकिन उनका एकमात्र लक्ष्य मानव ज्ञान को नई दिशा की ओर अभिमुख करना था। ऐसे ही एक युग प्रवर्तक थे महात्मा बुद्ध, जिनका जन्म लुंबिनी (कपिल वस्तु) में हुआ। उनका विवाह यशोधरा से हुआ, जिसे वह गोपा कहा करते थे। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। जीवन के दर्दनाक दृश्यों को देखकर सिद्धार्थ को यौवन से मोहभंग हो गया और वे गृह त्याग कर शांति की तलाश में निकले। अनेकों वर्ष तप करने के बाद उन्हें ज्ञान का प्रकाश मिला। उन्होंने दुनिया में घूम-घूमकर मानव जाति को अहिंसा पर चलने की सीख दी, अपनी शिक्षाओं का प्रसार किया। अपने पुत्र-पुत्री को भी विदेशों में अहिंसा का प्रचार करने भेजा। प्रस्तुत संग्रह में शांति के अग्रदूत गौतम बुद्ध के जीवन और दर्शन का बृहद् विवेचन है, जो हर आयु वर्ग के पाठकों का मार्ग प्रशस्त करेगी|
Author: Arun Kumar Tiwari
Publisher: Prabhat Paperbacks
ISBN-13: 9789351867722
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 149
Country of Origin: India
International Shipping: No
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