Description
डेढ़ साल हुए, जबकि ”जीने के लिए” के लिखने का ख्याल आया था, लेकिन शायद अब भी वह कागज पर न आता, यदि छपरा जेल में ढाई मास रहने का अवसर न मिलता। यह मेरा पहला उपन्यास है, यदि ”बाईसवीं सदी” को उस श्रेणी से हटा दें। कितने ही मित्रों को ताज्जुब होगा, कितने मेरे नासिखियापन तथा दूसरे दोषों के कारण हँसेंगे; तो भी कलम को रोकना आसान न था, इसलिए इस अनाधिकार चेष्टा के लिए पाठक क्षमा करेंगे।
Author: Rahul Sankrityayan
Publisher: Kitab Mahal Publisher
ISBN-13: 9788122500813
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2019
No. Of Pages: 259
Country of Origin: India
International Shipping: Yes
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