Description
कलश – भारत के परम वैभव को जानना और समझना है, तो उसके अध्यात्म की ऊर्जा जानना ज़रूरी है। यह उसी की विराट शक्ति है कि हमारा मूलमन्त्र सदैव वसुधैव कुटुम्बकम् के साकार रूप को चरितार्थ करता है। हमने मिट्टी के कण, वायु के झोंके, जल की बूँद, अग्नि के ताप और आकाश के हर अंश को परमात्मा माना है। इन्हीं पंचतत्त्वों के मेल से हमारा शरीर बना है। अतः हमारे रग-रग में ईश्वर का वास है। – इसी पुस्तक का एक अंश ” इस पुस्तक के आलेख तथा इंटरव्यू प्रबल आध्यात्मिक जिज्ञासा और आत्म प्रचार की दुनिया से इतर रहने वाले तपस्वियों से मुलाक़ात की निधि हैं। जीवन मर्म समझने की चाहत है। यह ब्रह्माण्ड, सृष्टि, जीव और जगत अनायास हैं या नियोजित (सुचिन्तित) ? इस रचना में विलक्षण साधकों की संसार दृष्टि व भक्ति है। हरिवंश के इन आलेखों में अनोखे तपस्वियों से चर्चा की सात्विक आभा व मर्म, मन, मस्तिष्क और दिल को छूते हैं।” “हरिवंश – वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति, हरिवंश देश के जाने-माने पत्रकार रहे हैं। 30 जून, 1956 को बलिया (उ.प्र.) ज़िले के सिताबदियारा (दलजीत टोला) में जन्म। पिता स्व. बाँके बिहारी सिंह, माँ स्वर्गीया देवयानी देवी। आरम्भिक से लेकर माध्यमिक तक की शिक्षा गाँव के स्कूल में ही। आगे की पढ़ाई बनारस में। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए.। वहीं से पत्रकारिता में डिप्लोमा। जे.पी. आन्दोलन सहभागी। लोकप्रिय पत्रिका ‘धर्मयुग’ से पत्रकारीय करियर की शुरुआत। चार दशकों तक सक्रिय पत्रकारिता। बैंकिंग सेवा में भी बतौर अधिकारी काम (1981-84)। जिन पत्र-पत्रिकाओं से सम्बद्ध रहे : ‘धर्मयुग’ (1977-1981), ‘रविवार’ (1985-1989)। अक्टूबर, 1989 में राँची से प्रकाशित ‘प्रभात ख़बर’ के प्रधान सम्पादक। प्रधानमन्त्री चन्द्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार (1990-1991)।
Author: Harivansh
Publisher: Vani Prakashan
ISBN-13: 9789355185945
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 299
Country of Origin: India
International Shipping: No
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