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KHAKI AAKHYAN BY SHAILENDRA SAGAR (9788196103422)

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Description

यह हमारे लोकतन्त्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है क्योंकि इस व्यवस्था का लाभ उठाकर आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति राजनीति में प्रवेश करते जा रहे हैं और उच्च पदों तक पहुँच चुके हैं। हमें अपनी आर्थिक प्रगति पर बहुत गर्व है परन्तु आर्थिक प्रगति के लिए शान्ति व्यवस्था का अच्छा होना अत्यन्त आवश्यक है। उसके अभाव में आर्थिक ढाँचे का महल एक बालू की नींव पर खड़ा होगा जो भी भरभराकर गिर सकता है। लेखक ने पुस्तक के अन्त में पुलिस में सुधार की आवश्यकता पर हम सभी का ध्यान आकर्षित किया है, वह वास्तव में समीचीन है। यह पुस्तक पुलिस सेवा के कार्यकलाप व अनुभवों का गम्भीर किन्तु पठनीय और रोचक आख्यान है। मेरे विचार से यह पुस्तक पुलिस अधिकारियों को, विशेष तौर पर वे अधिकारी जो नौकरी शुरू कर रहे हैं, उन्हें अवश्य पढ़नी चाहिए। इससे उन्हें बहुत सारी समस्याओं की जानकारी हो जाएगी जो शुरू के वर्षों में होती हैं और जहाँ नये अधिकारी अक्सर दिग्भ्रमित हो जाते हैं।

About the Author:

जन्म: 5 अप्रैल 1951 को रामपुर उत्तर प्रदेश में। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लगभग सौ कहानियाँ, लघुकथाएँ, व्यंग्य प्रकाशित। चार उपन्यास, छह कहानी संग्रह और स्त्री विमर्श पर दो पुस्तकों का संपादन। विजय वर्मा सम्मान, प्रेमचंद सम्मान एवं अमृतलाल नागर सम्मान आदि सम्मानों से सम्मानित।



Author: SHAILENDRA SAGAR
Publisher: Setu Prakashan
ISBN-13: 9788196103422
Language: HINDI
Binding: PAPER BACK
Product Edition: 2023
No. Of Pages: 326
Country of Origin: INDIA
International Shipping: Yes

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Weight 0.250 kg

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