Description
महेंद्र भीष्म द्वारा रचित किन्नर कथा उपन्यास हिंदी साहित्य की उन साहसिक रचनाओं में से एक है जिसने समाज को इस समुदाय को लेकर सोचने के लिए विवश किया है | किन्नर कथा उपन्यास उन रचनाओं की श्रेणी में आता है जिसने किन्नर समुदाय की वेदनाओं पर एक नयी जिरह को हवा दी है । इस उपन्यास के विषय में कई आलोचकों का मत रहा है कि इसकी कथावस्तु अतिनाटकीय है, या यूँ कहें कि बेहद फ़िल्मी है | शायद यही कारण है कि यह उपन्यास एक सफल फिल्म की भांति पाठक को प्रारंभ से लेकर अंत तक बांधे रखती है | भीष्म जी स्वयं ही स्वीकार करते हैं कि इस उपन्यास का कथा-सूत्र बचपन में सुनी गयी कहानी पर आधारित है | उपन्यास से किसी इनसाइक्लोपीडिया की तरह मात्र जानकारी की अपेक्षा करना उचित नहीं है | किन्नर कथा उपन्यास अपने पात्रों के माध्यम से किन्नर जीवन की समस्याओं, समाज का उनके प्रति रवैया, प्रशासन की उदासीनता, परिवार से विस्थापन की व्यथा के अतिरिक्त सामाजिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक आदि पक्षों को उजागर करते हुए एक सकारात्मक बिंदु पर समाप्त होता है जहाँ इसके प्रमुख पात्र को अंतत: पूर्ण स्वीकार्यता प्राप्त होती है, अपने परिवार से, समाज से |
Author: Mahendra Bhishm
Publisher: Samayik Prakashan
ISBN-13: 9788171383382
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 192
Country of Origin: India
International Shipping: No
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