Description
लालटेन बाज़ार मीरा का मुहल्ला था जहाँ वह पली-बढ़ी थी। इस बाज़ार में शुरू से अन्त तक चपलनयन गायिकाएँ भरी थीं और उन्हीं में से एक थी मीरा की माँ। पितृहीन मीरा का जन्म ज़रूर एक गाने वाली के कोठे पर हुआ लेकिन उसकी माँ और खुद उसका सपना था उस बदनाम लालटेन बाज़ार से निकल कर एक सामान्य जीवन जीने का। 1977 में इमर्जेन्सी की पृष्ठभूमि पर लिखा गया यह उपन्यास मीरा की अपने ससुराल में उपेक्षा और यंत्रणा सहने और ससुराल से वापस लौटने की त्रास से भरी कहानी बयां करता है। लेकिन किसी भी स्थिति में मीरा टूटती नहीं है और अन्त में निर्णय करती है कि वह अपना संसार खुद निर्मित करेगी और आगे बढ़ेगी। प्रसिद्ध लेखिका अनामिका की कलम से मीरा की गाथा जितनी मार्मिक है उतनी ही स्त्री की निजी, अलहदा और तल्ख़ आवाज़ भी है। लेखिका का यह पहला उपन्यास 1983 में ‘पर कौन सुनेगा’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। पाठकों के आग्रह पर इतने वर्षों बाद यह नयी साज-सज्जा में लालटेन बाज़ार के नाम से फिर से उपलब्ध है।
Author: Anamika
Publisher: Rajpal
ISBN-13: 9789386534743
Language: HINDI
Binding: PAPER BACK
Product Edition: 2023
No. Of Pages: 108
Country of Origin: INDIA
International Shipping: Yes
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