Description
Lawaris Nahi, Meri Maan Hai! (Hindi) Hardcover, Anil Kumar Pathak) (9789391950620)
AUTHOR BIOGRAPHY
अनिल कुमार पाठक
दार्शनिक एवं साहित्यिक अध्यवसाय की पृष्ठभूमि रखने वाले अनिल कुमार पाठक विभिन्न भाषाओं के साहित्य के अध्येता होने के साथ ही मानववाद विषय पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी द्वारा ‘डॉक्टरेट’ की उपाधि से विभूषित हैं। उन्होंने मानववाद पर केवल शोधकार्य ही नहीं किया है अपितु उसे अपने जीवन में ‘मनसा-वाचा-कर्मणा’ अपनाया भी है। डॉ. पाठक मानवीय संवेदना से स्पन्दित होने के साथ ही मानववादी मूल्यों के मर्मज्ञ भी हैं। उन्होंने हिन्दी काव्य की विभिन्न विधाओं यथा कविता, गीत, कहानी, नाट्यकाव्य, लघु नाटिका आदि में साहित्य सर्जना की है जो आज भी अनवरत चल रही है।
माता-पिता की स्मृतियों को समर्पित काव्य-संग्रह ‘पारस बेला’ के साथ ही ‘गीत, मीत के नाम’ और ‘अप्रतिम’ सहित अन्य प्रकाशित तथा प्रकाशनाधीन कृतियों के माध्यम से जहाँ वह अपने रचना-संसार को नित्य नूतन आयाम देने हेतु कटिबद्ध हैं, वहीं उनकी मर्मस्पर्शी कहानियाँ, गीत, परिचर्चा आदि आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से नियमित प्रसारित होते रहते हैं। अत्यन्त महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक दायित्वों के निर्वहन के साथ ही उनके द्वारा एक दशक से अधिक समय से कविता की त्रैमासिक पत्रिका ‘पारस परस’ का नियमित सम्पादन किया जा रहा है। उनकी अश्रान्त लेखनी सम्प्रति भारतीय संस्कृति, परम्परा के अतिरिक्त हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं पर निरन्तर क्रियाशील है।
Author: Anil Kumar Pathak
Publisher: Radhakrishna Prakashan
ISBN-13: 9789391950620
Language: Hindi
Binding: Hardcover
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 87
Country of Origin: India
International Shipping: No
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