Description
पर्यावरण सुरक्षा और पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम आज पूरे विश्व की चिन्ता का मुख्य विषय है, निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या और प्रकृति के दोहन ने जीवमात्र के लिए भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है। इसी दृष्टि से इस पुस्तक में इक्कीसवीं सदी में पर्यावरण सम्बन्धी उभरते नवीन सन्दर्भों की समस्याओं के प्रति सजग एवं सचेत करते हुए उससे उबरने की युक्तियाँ बताई गई हैं। पुस्तक का मुख्य उद्देश्य अध्यापकों, शिक्षाशास्त्र के विद्यार्थियों तथा सेवापूïर्व एवं सेवारत शिक्षकों की पर्यावरणीय जानकारी की अभिवृद्धि करना है। विभिन्न अध्यायों-पर्यावरण शिक्षा-भारतीय सन्दर्भ, पर्यावरण प्रदूषण, ओजोन अवक्षय, पारिस्थितिकी, जैव विविधता तथा इसका संरक्षण, पर्यावरण शिक्षा से तात्पर्य, उद्देश्य आवश्यकता एवं महत्व, पर्यावरण शिक्षा के लिए रचना कौशल एवं शिक्षण विधियाँ, पर्यावरण शिक्षा में अभिक्रमित अनुदेशन की विधि : स्वरु एवं दृष्टïान्त, पर्यावरण शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान तथा पर्यावरण प्रबन्धन तथा सरकारी नीतियाँ- के अंतर्गत पर्यावरण के प्रत्येक पक्ष पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया गया है। ग्रन्थ में पर्यावरण सुधार एवं पर्यावरण गुणवत्ता संवर्धन हेतु चॢचत उपायों का विशेष उल्लेख भी किया गया है। पर्यावरण शिक्षा के विविध कार्यक्रमों एवं योजनाओं को पूरे विश्व के परिप्रेक्ष्य में दृष्टिïगत रखते हुए यह अनुशीलन प्रस्तुत किया गया है जिससे यह छात्रों और पर्यावरण के प्रति सजग पाठकों के लिए प्रेरणास्पद हो सके।
Author: Kamata Prasad Pandey
Publisher: Kamata Prasad Pandey
ISBN-13: 9.78817E+12
Language: Hindi
Binding: Paper Back
No. Of Pages: 317
Country of Origin: India
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