DISCOUNT 20%

Pratinidhi Kahaniyan : Arun Prakash (Hindi) (9788126728015) Rajkamal Prakashan

48.00

(20% OFF)

Add Rs.45/- for PAN India delivery
Free delivery of orders above Rs. 499/- by Registered Post

Out of stock

SKU: Rajkamal-22-H-72 Categories: , ,

outofstock Guaranteed Service International Shipping Free Home Delivery

Description

साहित्य के मौजूदा दौर में पाठ-सुख वाली कहानियाँ कम होती जा रही हैं। इस संकलन की कहानियों में पाठ-सुख भरपूर है। लेकिन यह सुख तात्कालिक नहीं है बल्कि ये निर्विवाद कहानियाँ देर तक स्मृति में बनी रहती हैं। लोकप्रियता और विचार-केन्द्रित कथा का मिजाज मुश्किल से मिलता है पर इन कहानियों में यह सुमेल इसलिए सम्भव हो पाया क्योंकि यहाँ पाठकों के प्रति गम्भीर सम्मान है। ये कहानियाँ पाठकों को उपभोक्ता नहीं, सहभोक्ता; श्रोता नहीं, संवादक बनने का अवसर देती हैं। इनमें विचार उपलाता नहीं, अन्तर्धारा की तरह बहता है, क्योंकि यह सृजन पाठक-लेखक सहभागिता पर टिका है। युग की प्रमुख आवाजों को सुरक्षित रखना इतिहास की जिम्मेवारी है, छोटी-छोटी अनुगूँजों को सहेजना साहित्य की। मनुष्य विरोधी मूल्यों, सत्ताओं और संगठित संघर्षों की बड़ी उपस्थिति के बावजूद लघु, असंगठित और प्राय: व्यक्तिगत संघर्षों की बड़ी दुनिया है। इन कहानियों में उसी की अनुगूँजें हैं। ये कहानियाँ किसी एक शैली में नहीं बँधी हैं, बल्कि हर कहानी का अलग और स्वतंत्र व्यक्तित्व नई भाषा, नई संरचना और आन्तरिक गतिशीलता के सहारे निर्मित किया गया है।



Author: Arun Prakash
Publisher: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9788126728015
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
Country of Origin: India
International Shipping: No

Additional information

Weight 0.222 kg

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Pratinidhi Kahaniyan : Arun Prakash (Hindi) (9788126728015) Rajkamal Prakashan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *