Description
प्रतिनिधि कहानियां – बलवंत सिंह “..खेतों की मुंडेरों पर से दीखते बबूल, कीकर, कच्चे घरों से उठता धुआं, रात के सुनसान में सरपट भागते घोड़े, छवियाँ लाश्कात्ते डाकू, घरों से पेटियां धकेलते चोर, कनखियों से एक-दुसरे को रिझाते जवान मर्द और औरतें, भोले-भले बच्चे, लम्बे सफ़र समेटते दाची स्वर-समय और स्थितियों से सीनाजोरी करते बलवंत सिंह के पत्र पाठक को देसी दिलचस्पियों से घेरे रहते हैं! कुछ का गुजरने के लिए जिस सहस की जरूरत इन्हें है, उसे कलात्मक उर्जा से मजिल तक पहुँचाने का फेन लेखक के पास मौजूद है! बलवंत सिंह के यहाँ धुंधलके और उहापोह की झुर्मुरी कहानियां नहीं, दिन के उजाले में, रात के एकांत में स्थितियों को चुनोती देते साधारण जन और उनका असाधारण पुरुषार्थ है! बलवंत सिंह सिर्फ आदमी को ही नहीं रचते, कहानी की शर्त पर उसके खेल और कर्म को भी तरतीब देते हैं! वे शोषण और संघर्ष का नाम नहीं लेते, इसे केंद्र में लेट हैं!
Author: Balwant Singh, Krishna Sobti
Publisher: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9788126714643
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
Country of Origin: India
International Shipping: No
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