Description
राबिया का खत
मेधा की ये कविताएँ बादलों की लिपि में लिखी दहराकाश की उच्छल कविताएँ है! एक ख़ास तरह की मनोभूमि में जैसे संत कवि रहती थीं, मेधा भी रहती हैं : जीवन-जगत का यथार्थ उनके यहाँ इसीलिए एक बृहत्तर आयाम पा जाता है! महर्षि अरविंद के दर्शन की छाँव हो या भक्तिवर्सिटी के दार्शनिक स्थापत्य की छाया : कारण जो भी हो, पर इन्हें चित्त के अनन्त विस्तार का साक्ष्य वहन करना आ गया है जो एक बड़ी आध्यात्मिक उपलब्धि है!
वैसे तो बहनापे के रंग में रँगी शाहीनबाग़ वाली कविताएँ या अन्य बहिर्मुखी कविताएँ भी अपने उत्कट विडम्बना-बोध के कारण अलग से दमकती हैं,पर इनकी चेतना का वास्तविक वैभव देखना हो तो प्रकृति और प्रेम को निवेदित इनकी कविताओं का सस्वर पाठ करके देखना चाहिए जिनसे एक अलग तरह का अंतर्संगीत फूटता है!
Author: Medha
Publisher: Radhakrishna Prakashan
ISBN-13: 9789391950514
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 206
Country of Origin: India
International Shipping: Yes
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