DISCOUNT 25%

Ramkatha Aaram (Hindi) (HB) By Dr. Viveki Rai (9789386870421) Granth Akademi

263.00

(25% OFF)

Add Rs.45/- for PAN India delivery
Free delivery of orders above Rs. 499/- by Registered Post

Out of stock

SKU: Prabhat-22-H-201 Categories: , ,

outofstock Guaranteed Service International Shipping Free Home Delivery

Description

‘जातस्य हि धु्रवोर्मृत्यु ध्रुवजन्म मृतस्य च’, अर्थात् जिसकी मृत्यु निश्चित है, उस मृतक का जन्म भी निश्चित है। हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार व चिंतक-विचारक डॉ. विवेकी राय इस विधान से बाहर कैसे रह सकते थे।
उनके सृजन-संसार का विपुल भंडार साहित्य-जगत् को उपलब्ध है। हालाँकि उनके रचना-कर्म की अमूल्य गठरी में अभी बहुत कुछ है, जिसे लोकमानस तक पहुँचाया जाना शेष है। उसकी एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है बाबूजी की शुचिता और संबंधों के बीच रचना विधान का लोकसृजन करती यह कृति ‘रामकथा आराम’। उनकी यह धरोहर पाठक तक पहुँचे, जिससे साहित्य की विपुल संपदा को और समृद्धि मिले।
सोलह रचनाशिल्पियों की विधागत दक्षता को पन्नों पर उकेरती यह कृति न सिर्फ ऋषि-परंपरा की साहित्यिक विपुलता को आम पाठक वर्ग तक संप्रेषित करेगी बल्कि विविध विधाओं में रचे विधान को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर एक नई दृष्टि का सूत्रपात करेगी।



Author: Dr. Viveki Rai
Publisher: Granth Akademi
ISBN-13: 9789386870421
Language: Hindi
Binding: Hardbound
No. Of Pages: 168
Country of Origin: India
International Shipping: No

Additional information

Weight 0.400 kg

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ramkatha Aaram (Hindi) (HB) By Dr. Viveki Rai (9789386870421) Granth Akademi”

Your email address will not be published. Required fields are marked *