Description
एक राज्य में हल्ला मचा कि भ्रष्टाचार बहुत फ़ैल गया है ।
राजा ने एक दिन दरबारियों से कहा, “प्रजा बहुत हल्ला मचा रही है कि सब जगह भ्रष्टाचार फैला हुआ है । हमें तो आज तक कहीं नहीं दिखा । तुम लोगों को नहीं दिखा हो तो बताओ।”
दरबारियों ने कहा- “जब हुजूर को नहीं दिखा तो हमें कैसे दिख सकता है ?”
राजा ने कहा- “नहीं, ऐसा नहीं है। कभी-कभी जो मुझे नहीं दीखता, वह तुम्हे दीखता होगा । जैसे मुझे बुरे सपने कभी नहीं दीखते, पर तुम्हें दिखते होंगे!”
Author: Harishankar Parsai
Publisher: Bharatiya Jnanpith
ISBN-13: 9788126340620
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2020
No. Of Pages: 136
Country of Origin: India
International Shipping: No
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