Description
देश की आजादी से पहले लिखी गई कहानी ‘सवा सेर गेहूं’ का मंचन रविवार शाम शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में हुआ। कहानी की विषयवस्तु ने न सिर्फ यह आभास कराया कि गरीबी में जीने वाले किसान किन कठोर परिस्थितियों का सामना करने को मजबूर है, बल्कि यह सीख दी कि शोषक समाज लगभग स्थायी रूप से हमारे इर्द-गिर्द मौजूद रहा है। कहानी का मुख्य किरदार शंकर अपनी जान की कीमत पर भी सवा सेर आटे की उधारी चुका नहीं पाता और उसके बेटे को भी बंधुआ मजदूर बनना पड़ता है। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से मासिक नाट्य संध्या ‘रंगशाला’ के तहत प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की इस कथा काे कलाकाराें ने ऐसे जीवंत किया कि संदेश दर्शक दीर्घा पर भी छाप छोड़ गया।
Author: Premchand
Publisher: Sakshi Prakashan
ISBN-13: 9788186265666
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2019
No. Of Pages: 272
Country of Origin: India
International Shipping: No
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