Description
भारतवर्ष की पुरातन सभ्यता, पुरातन संस्कृति, पुरातन परम्परा और पुरातन रीति-रिवाजों में सभी उचित और श्रेष्ठ हैं। काल के बदलते परिवेश में आंखें मूंद कर अगर हम उनका अनुसरण करने लगे तो हम न देश का कल्याण कर पाएंगे, न भारतीय समाज का। काल परिवर्तन के साथ-साथ हमें उनमें से बहुतों को छोड़ देना पड़ेगा।इसी प्रकार पाश्चात्य जगत का सभी कुछ बुरा नहीं है। पाश्चात्य सभ्यता की बहुत-सी देन और अच्छाइयां ऐसी हैं, जिनकी आज के युग में उपेक्षा नहीं की जा सकती। हमें देश और समाज के कल्याण के लिए उसकी अच्छाइयों और विशेषताओं को ग्रहण करना ही पड़ेगा।बंगला साहित्य के अमर शिल्पी शरत्चन्द्र का “शेष प्रश्न” इन्हीं दो विरोधी विचारधाराओं के टकराव से उत्पन्न प्रश्नों का उत्तर है।
Author: Sharat Chandra Chattopadhyay
Publisher: Diamond Pocket Books (Pvt.) Ltd.
ISBN-13: 9788171829170
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 208
Country of Origin: India
International Shipping: No
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