Description
अरविन्दाक्षन की कविताएँ हमें कई स्तर पर समृद्ध करती हैं। यह कहना ही पर्याप्त नहीं है कि उन्होंने हिन्दी कविता की भूमि का विस्तार किया है और भाषा की अभिव्यंजना शक्ति में कुछ नया जोड़ा है। मलयाली भाषी होने के नाते यह तो स्वाभाविक है। लेकिन जो बात चकित करती है, वह है उनकी कविता की दार्शनिक पृष्ठभूमि । वे समय और समाज के साथ साहित्य और संस्कृति की पूरी विरासत को भी निरखते हैं, कहीं सीधे-सीधे तो कहीं कबीर और प्रेमचन्द जैसे पुराने रचनाकारों के माध्यम से कहीं, नन्हीं बेटी की भोली इच्छाओं के ज़रिये। प्रेम और करुणा के साथ ही व्यंग्य और विडम्बना की अन्तर्धाराएँ भी उनकी कविता में प्रवाहित हैं। अरविन्दाक्षन जी की कविताएँ सतह पर कोई चमक नहीं पैदा करतीं, हमेशा भीतर गहरे उतरने की माँग करती हैं। भारतीय संस्कृति को देखने का एक नया दृष्टिकोण है उनके पास उनकी कविताएँ भारतीयता की एक नयी अवधारणा की नींव रखती प्रतीत होती हैं। उसे एक भव्य महल का रूप देना हमारे समय की जितनी बड़ी जरूरत है, उतनी ही बड़ी चुनौती भी। उनकी चुनी हुई कविताओं के इस संकलन को डॉ. अनामिका ने जितनी सजगता से तैयार किया है, भूमिका में उतनी ही गहराई से इनकी विशिष्टताओं को रेखांकित भी किया है। वे स्वयं भी महत्त्वपूर्ण कवि हैं। इस चयन को पढ़ते हुए अरविन्दाक्षन जी के सभी संकलनों को पढ़ने की इच्छा सहज रूप से पैदा होती है।
About the Author:
ए. अरविन्दाक्षन भूतपूर्व प्रतिकुलपति, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र। प्रकाशित कविता पुस्तकें : बाँस का टुकड़ा (1992), घोड़ा (1998), आसपास (2003), सपने सच होते हैं (2003), राग लीलावती (2004), असंख्य ध्वनियों के बीच (2011), भरा पूरा घर (2012), पतझड़ का इतिहास (2013), राम की यात्रा (2015), जंगल नजदीक आ रहा है (2018), समुद्र से संवाद (2018), खंडहरों के बीच (2020), नीलाम्बर (2022), वट के पत्ते पर लीलारविंद की तरह (2022), साक्षी है धरती साक्षी है आकाश (2022), प्रार्थना एक नदी है (2022), प्रतिनिधि कविताएँ (2022)। हिन्दी में बीस आलोचना पुस्तकों के अतिरिक्त मलयालम में पाँच आलोचना की पुस्तकें; एक उपन्यास; पन्द्रह अनूदित पुस्तकें; तेईस सम्पादित पुस्तकें; अँग्रेजी में दो पुस्तकें । बीस राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार, साहित्य वाचस्पति उपाधि से सम्मानित ।
Author: A. ARVINDAKSHAN EDITED BY ANAMIKA
Publisher: Setu Prakashan
ISBN-13: 9789380441856
Language: HINDI
Binding: PAPER BACK
Product Edition: 2023
No. Of Pages: 224
Country of Origin: INDIA
International Shipping: Yes
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