उर्दू में हास्य-व्यंग्य का इतिहास बहुत पुराना है और उर्दू साहित्य में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है, किंतु इसे गद्य में लिखने की परम्परा बहुत बाद में पड़ी। आरंभ काल में इसका प्रयोग केवल कविता में ही किया गया, बल्कि यदि यह कहा जाये कि उर्दू कविता के नियमित रूप से आरंभ होने से पूर्व ही हास्य-व्यंग्य ने भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया था तो गलत न होगा।
सुप्रसिद्ध पत्रकार व साहित्यकार नंद किशोर विक्रम द्वारा सम्पादित इस पुस्तक ‘उर्दू की सर्वश्रेष्ठ हास्य कहानियाँ’ में उर्दू की स्तरीय हास्य रचनाएँ संकलित हैं। हास-परिहास और व्यंग्य रचनाओं की यह अनुपम कृति पाठकों को भरपूर गुदगुदाएगी, ऐसा विश्वास है।
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