Description
स्थापित मान्यताएँ, आचार सहिताएँ और परम्पराएँ अब टूट रही हैं-आदमी को जो अच्छा लग रहा है वही कर रहा है तो अपनी पुरानी मान्यताओँ का ढोल पीटना और उसके पीछे चलना और दुख सहना बुद्धिमानों नहीं है । कोहबर की शर्त उपन्यास के विख्यात लेखक का यह उपन्यास पारिवारिक जीवन की पृष्ठभूमि से निकलकर मानवीय सम्बन्धो के एक बड़े विस्तार में जाता है जिसमें जंगलों, पहाडों में कार्यरत मज़दूरों, ठेकेदारों और सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ दफ्तरी जीवन का एक बहुत नजदीक से देखा हूआ विवरण भी आता है । श्रीकान्त बाबू एक मदृयवर्गीय परिवार से आते है जहॉ रिश्तों का एक व्यापक संजाल है, जीवन, स्नेह और ऊष्मा से लबालब । लेखक श्रीकान्त का भाव पक अनाथ लड़की जया पर भी जाता है, और वे उसे गोद लेकर पालते-पोसते हैं । अन्त में एक मित्र भूमिका में जगतसेवा में लग जाते है ।
Author: Keshav Prasad Mishra
Publisher: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9789388933629
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
Country of Origin: India
International Shipping: No
Reviews
There are no reviews yet.