Description
वैराग्य
नई व पुरानी कहानियों का यह संकलन गीतांजलि श्री की लगभग एक दशक की साहित्यिक यात्रा का परिचय देता है। इसमें वैविध्य है विषय का, अंदाज़ का। प्रयोग है शिल्प का, भाषा का। और हमेशा ही एक सृजनात्मक साहस है यथातथ्यता-‘लिटरैलिटी’-को लाँघते हुए पथ, दृश्य, अनुभव, जमीन तलाशें। अलग-अलग बिन्दुओं को टोह लेने की लालसा में नतीजा फटाफट समझाने की कोई हड़बड़ी नहीं। कहीं हमारी जटिल आधुनिकता के आयाम हैं, कहीं मानव संबंधो की अनुभूतियाँ। कहानियाँ हमारे शाश्वत मुद्दों पर भी हैं-मृत्युबोध जीवन की आस, आत्मीयता की चाह-पर ताजी संवेदना से भरपूर। कभी ‘नज़र’ में हास्य है, कभी फलसफाना दुःख। भाषा की ध्वनियाँ ऐसी हैं कि शायद बहुतों को यहाँ कविता का रस भी मिलेगा।
Author: Geetanjali Shree
Publisher: Rajkamal Prakashan
ISBN-13: 9789393768704
Language: Hindi
Binding: Paperback
No. Of Pages: 174
Country of Origin: India
International Shipping: No
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