DISCOUNT 25%

Yayavar Shabdashilpi Pt. Banarsidas Chaturvedi (Hindi) (9789355620125) Prabhat

263.00

(25% OFF)

Add Rs.45/- for PAN India delivery
Free delivery of orders above Rs. 499/- by Registered Post

In stock

SKU: Prabhat-22-H-40 Categories: , ,

instock Guaranteed Service International Shipping Free Home Delivery

Description

आजादी से पहले और आजादी के बाद के कालखंड में देश के सभी साहित्यकार समाज-निर्माण में लगे थे। पं. बनारसीदास चतुर्वेदी भी उनमें से एक थे। उन्होंने अपनी एक अलग राह चुनी—साहित्य, पत्रकारिता और पत्र लेखन। उन्होंने अनेक आंदोलन चलाए। ‘विशाल भारत’ और ‘मधुकर’ नामक पत्रों का संपादन किया। उन्होंने कभी घासलेटी साहित्य के खिलाफ मुहिम छेड़ी, कभी कस्मै देवाय आंदोलन चलाया, तो कभी जनपदीय आंदोलन छेड़ा तो कभी आजादी के बाद शहीदों के साहित्यिक श्राद्ध में जुट गए। गांधीजी के कहने पर प्रवासी भारतीयों की समस्याओं को उजागर किया और फिजी में गिरमिटिया मजदूरों की स्थिति पर तोताराम सनाढ्य के साथ पुस्तक लिखी। गांधीजी के कहने पर प्रवासी भारतीयों की स्थिति की जानकारी लेने के लिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा भी की। वह गांधीजी के अनन्य भक्त थे, लेकिन गुरुवर रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर ऐसा कोई समकालीन व्यक्ति नहीं था, जिससे उनका सीधा संपर्क न रहा हो। बनारसीदास चतुर्वेदी ने पत्रों के माध्यम से समाज को जोड़ने और उनकी कुरीतियों को तोड़ने का काम भी किया। उन्होंने अपने जीवनकाल में हजारों लोगों को एक लाख से अधिक पत्र लिखे।
नई पीढ़ी पं. बनारसीदास चतुर्वेदी के योगदान से अपरिचित है। मौजूदा पुस्तक दादाजी के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते लेखों का संकलन है। बनारसीदास चतुर्वेदी एक सामान्य साहित्यकार-पत्रकार नहीं थे। इस पुस्तक के माध्यम से उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को सामने लाने का प्रयास किया गया है।



Author: Ashutosh Chaturvedi
Publisher: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9789355620125
Language: Hindi
Binding: Hardbound
Country of Origin: India
International Shipping: No

Additional information

Weight 0.464 kg

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Yayavar Shabdashilpi Pt. Banarsidas Chaturvedi (Hindi) (9789355620125) Prabhat”

Your email address will not be published. Required fields are marked *