Description
श्रीकृष्ण अर्थात हजारो वर्षो से व्यक्त एवं अव्यक्त रूप से भारतीय जनमानस में व्याप्त एक कालजयी चरित्र एक युगपुरुष! श्री कृष्ण चरित्र के अधिकृत संदर्भ मुख्यतः श्रीमद भागवत, महाभारत हरिवंश और कुछ पुराणों में मिलते है इन सब ग्रंथों में पिछले हजारों वर्षों से श्री कृष्ण चरित्र पर सापेक्ष विचारों की मनघढन्त परतें चढ़ती रहीं यह सब अज्ञानवश तथा उन्हें एक चमत्कारी व्यक्तित्व बनाने के कारण हुआ फलत आज श्रीकृष्ण वास्तविकता से सैंकड़ो योजन दूर जा बैठे हैं. श्री कृष्ण शब्द ही भारतीय जीवन प्रणाली का अनन्य उद्गार है, आकाश में तपता सूर्य जिस प्रकार कभी पुराना नहीं हो सकता उसी प्रकार महाभारत कथा का मेरुदंड– यह तत्वज्ञ वीर भी कभी भारतीय मानस पटल से विस्मृत नहीं किया जा सकता. जन्मतः ही दुर्लभ रंग्सुत्र प्राप्त होने के कारण कृष्ण के जीवन चरित्र में भारत को नित्यनुतन और उन्मेषशाली बनाने की भरपूर क्षमता है. श्री कृष्ण जीवन के मूल संधर्भो की तोड़-मरोड़ किये बिना क्या उनके युगंधर रूप को देखा जा सकता है क्या उनके सवच्छ नीलवर्ण जीवन सरोवर का दर्शन किया जा सकता है क्या गीता में उन्होंने भिन्न-भिन्न योगो का मात्र निरूपण किया है सच तो यह है कि श्रीकृष्ण की जीवन सर्वोअर पर छाए शैवाल को तार्किक सजगता से हटाने पर ही उनके युगन्धररूप के दर्शन हो सकते है.
Author: Shivaji Sawant
Publisher: Bharatiya Jnanpith
ISBN-13: 9789326351461
Language: Hindi
Binding: Hardback
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 936
Country of Origin: India
International Shipping: No
Reviews
There are no reviews yet.