Description
भारतीय संस्कृति के मूल स्त्रोत वेदादि शास्त्र हैं। अतएव लौकिक-पारलौकिक, आॢथक, राजनैतिक, सामाजिक, उन्नति का वेदादि शास्त्रसम्मत मार्ग ही भारतीय संस्कृति है। दर्शन, भाषा, साहित्य, ज्ञान-विज्ञान, इतिहास, कला आदि संस्कृति के सभी अंगों पर वेदादिशास्त्र मूलक सिद्धान्तों की ही छाप है। संस्कृति है मानव की जीवन-शक्ति, प्रगतिशील साधनाओं की विमल विभूति, राष्ट्रीय आदर्श की गौरवमयी मर्यादा और स्वतन्त्रता की वास्तविक प्रतिष्ठा। इस तथ्य का चित्रण करते हुए भारतीय पर?परा ने सदा सांस्कृतिक निष्ठा के मंगलमय मार्ग को अपनाया। फलस्वरूप संस्कृति भारत भूमि के कण-कण में व्याप्त है, भारतीय साहित्य के पद-पद में ओत-प्रोत है और भारतीय इतिहास के प्रत्येक पृष्ठ पर अंकित है। हमारी प्राचीन संस्कृति और पर?परा, हमारी भारतीय प्रतिभा और महापुरुषों के उपदेश जो स्वयं में इतनी बड़ी औषधि है कि उनके आदेशों के अनुसार चलने और उनकी देखभाल में रहने से निश्चय ही सामाजिक व्याधि पूरे तौर पर हट (समाप्त) जायेगी। आधुनिक विचार और आधुनिक प्रगति के नाम पर हम लोगों ने बुद्धि और मन की गुलामी करने में जो अति कर दी है उससे हमने अपनी प्राचीन सांस्कृतिक स?पत्ति को ठुकरा दिया है। सिी आलोक में राष्ट्र-गौरव को विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में स्नातक के छात्रों के लिए अनिवार्य बनाया गया क्योंकि संस्कृति चित्त भूमि की खेती है। राष्ट्र-गौरव पाठ्यक्रम के अध्ययन-अध्यापन से चित्त भूमि की खेती का अनवरत विकास होगा और इससे भारतीय मन का निर्माण होगा और विद्यार्थी अपने व्यावहारिक जीवन में अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में सफलीभूत होंगे। इस पुस्तक को एक आयाम दने में स?पादकद्वय ने विभिन्न पुस्तकों से मधुमक्खी की तरह से रस संचनय का जो गुरुतर दायित्व का निर्वहन किया है निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं। मेरा यह विश्वास है कि यह पुस्तक छात्रों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ अपने लक्ष्य की प्राप्ति में उनको प्रेरणा प्रदान करेगी। इस महनीय कार्य हेतु डॉ० मुकेशप्रताप ङ्क्षसह एवं डॉ० साधना द्विवेदी को साधुवाद देता हूँ कि भविष्य मेंं भी अनवरत गति से अपने लेखन को आगे बढ़ाते रहेंगे। विषय सूची 1. भारतीय संस्कृति / 2. विज्ञान की विकास यात्रा / 3. वैदिक खगोलशास्त्र / 4. भारतीय चिकित्सा विज्ञान / 5. भारतीय कला एवं वास्तुशास्त्र / 6. भारतीय दर्शन के मूल तत्त्व / 7. प्राचीन भारत में विश्वविद्यालय / 8. शांकर वेदान्त का उत्थान / 9. भक्ति एवं सूफी आन्दोलन / 10. आधुनिक भारतीय पुर्नजागरण एवं राष्ट्रीय आन्दोलन / 11. लोकतंत्र : प्राचीन भारत में सर्वश्रेष्ठ राजनीतिक पद्धति / 12. धर्म और प्राचीन आदर्श / सनन्दर्भ ग्रन्थ-सूची / परिशिष्ट
Author: Mukesh Pratap Singh
Publisher: Mukesh Pratap Singh
ISBN-13: 9.78817E+12
Language: Hindi
Binding: Paper Back
No. Of Pages: 279
Country of Origin: India
International Shipping: Yes
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