Description
उषा प्रियम्वदा को पढ़ना एक साथ बहुत से बिम्बों में घिर जाना है। बिम्ब जो घुमड़ते बादलों की तरह अनायास तैरते चले आते हैं और एक सार्थक संगति में गुँथकर पहले दृश्य का रूप लेते हैं। कहानियों में परम्परा के निर्वहण की अभ्यस्तता और उसे तोड़ देने की सजगता एक साथ गुँथी हुई मिलती है। 1952 से 1989 तक के कालखंड में फैली उषा प्रियम्वदा की कहानियों का अधिकांश साठ के दशक में उनके विदेश प्रवास के बाद आया है।
Author: Usha Priyamvada, Rohini Aggarwal
Publisher: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9788126730483
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
Country of Origin: India
International Shipping: No
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