Description
सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी कहानियों में दहेज, परदा प्रथा, छुआछूत, स्त्री की पीड़ा का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया है। उनकी कहानियों का फलक बहुत विस्तृत है। उनकी कहानियाँ बहुरंगी हैं। जहाँ एक ओर आजादी की लड़ाई के संदर्भों को रेखांकित करनेवाली कहानियाँ हैं, वहीं दूसरी ओर सामाजिक कुरीतियों को उकेरनेवाली कहानियाँ भी हैं। सुभद्राजी की कहानियों में कहानीपन है, भाषा की रवानगी है, शब्दों का सटीक प्रयोग है और कहानी कला की दृष्टि से श्रेष्ठ कहानियों को द्योतित करनेवाले संवाद की शैली है। घरेलू जीवन की अंतरंग झाँकियाँ और अपने व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा के लिए व्यग्र स्त्री की छटपटाहट पहली बार किसी स्त्री की लेखनी द्वारा व्यक्त की गई। सुभद्राजी की कहानियों में भोगे हुए यथार्थ की अभिव्यक्ति है। कल्पना की झलक का दृष्टिगत होना तो रचनाओं में स्वाभाविक ही है। उनकी कितनी ही कहानियों में उनके अपने जीवन-प्रसंग या अनुभूति के मार्मिक अंश कथा का हलका सा आवरण ओढ़े आ ही गए हैं। सुभद्राजी की कहानियाँ कहानी-कला की दृष्टि से श्रेष्ठ कहानियाँ हैं, जिनमें उत्साह है, उमंग है, हर्ष है, विषाद है। जीवन के हर पहलू को आत्मसात् करती कहानियों का यह संग्रह पठनीय ही नहीं, संग्रहणीय भी है
Author: Shri Anil Kumar
Publisher: Prabhat Publication
ISBN-13: 9789390900947
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 174
Country of Origin: India
International Shipping: No
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