Description
दुनिया को उन्होंने ही गढ़ा है, जो धुन और संकल्प के धनी थे। जहाँ कोई गया नहीं, वहाँ से गुज़रते हुए अपने पदचिह्नों से राह बनायी। ऐसे ही लोगों ने संसार को अपने सृजन, कल्पना और मनोबल से पत्थर युग, कृषि युग, औद्योगिक युग, सूचना क्रान्ति से आगे बढ़ाते हुए प्रौद्योगिकी से हो रहे अविश्वसनीय बदलावों के द्वार तक आज पहुँचाया है। यह है, मानव ज़िद और संकल्प का चमत्कार! यह पुस्तक हर इन्सान ख़ासतौर से युवा पाठकों के लिए प्रेरक है, जो आसमान में असीमित छलाँग लगाने को आतुर हैं। सृजन का नया अध्याय लिखना चाहते हैं। हिन्दी पत्रकारिता के यशस्वी हस्ताक्षर हरिवंश ने इन प्रोफाइलों के माध्यम से उन जीवनियों के रोशनदानों को परत-दर-परत खोला है, जिनके सुनहरे योगदानों ने समय चक्र को अपने सृजन प्रयासों की किरणों से प्रकाशवन्त किया। गुजराती के प्रसिद्ध ग़ज़लकार हर्ष ब्रह्मभट्ट की लिखी पंक्तियाँ इन महान व्यक्तित्वों पर सटीक हैं- मेरे पैर के छालों से अगर कोई पूछे आकर, कहेंगे वो कि हमने तेरे दर के द्वार देखे हैं।” “हरिवंश – वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति, हरिवंश देश के जाने-माने पत्रकार रहे हैं। 30 जून, 1956 को बलिया (उ.प्र.) ज़िले के सिताबदियारा (दलजीत टोला) में जन्म। पिता स्व. बाँके बिहारी सिंह, माँ स्वर्गीया देवयानी देवी। आरम्भिक से लेकर माध्यमिक तक की शिक्षा गाँव के स्कूल में ही। आगे की पढ़ाई बनारस में। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए.। वहीं से पत्रकारिता में डिप्लोमा। जे.पी. आन्दोलन सहभागी। लोकप्रिय पत्रिका ‘धर्मयुग’ से पत्रकारीय करियर की शुरुआत। चार दशकों तक सक्रिय पत्रकारिता। बैंकिंग सेवा में भी बतौर अधिकारी काम (1981-84)।
Author: Harivansh
Publisher: Vani Prakashan
ISBN-13: 9789355185969
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
Country of Origin: India
International Shipping: No
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