Description
गीता मनुष्य जाति का पहला मनोविज्ञान है, वह पहली “साइकोलॉजी है। इसलिए उसके मूल्य की बात ही और है। अगर मेरा वश चले, तो कृष्ण को मनोविज्ञान का पिता मैं कहना चाहूंगा। वे पहले व्यक्ति हैं, जो दुविधाग्रस्त चित्त, “माइण्ड इन कां फिलक्ट”, संतापग्रस्त तन, खण्ड-खण्ड टूटे हुए संकल्प को अखण्ड और “इंटिग्रेट” करने की कोशिशि करते हैं। कह सकते हैं वे पहले आदमी हैं, जो “साइको-एनालिसिस” का, मनस-विश्लेषण का उपयोग करते हैं सिर्फ मनस-विश्लेषण का ही नहीं, बल्कि साथ ही एक और दूसरी बात का भी – “मनस-संश्लेषण” का भी, “साइको’सिंथेसिस” का भी उपयोग करते हैं।
Author: 9798189182716
Publisher: Fusion Books
ISBN-13: 9798189182716
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 285
Country of Origin: India
International Shipping: No
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