Description
आनुवांशिक बीमारियों का बड़ा समूह देख कर लेखक के मन में कुछ प्रश्न उठे, तभी से यह एक उत्पात की तरह से लगने लगा। स्त्री-पुरुष के गुण सूत्र प्रभावी या लुप्त गुणों के साथ या कुछ में गुण क्रान्ति के परिणामस्वरुप पैदा होते रहते हैं। विरासत वह तकनीक है जिसमें एक बार लिखे कोड को पुनः आसानी से उपयोग नहीं किया जा सकता। फिर प्रश्न आता है कि क्या कोई अपनी शक्तियों का प्रदर्शन कर सकता हैं? इसके बारे में हिन्दुओं के पौराणिक ग्रन्थों में इसके कुछ उदाहरण मौजूद हैं।
आनुवांशिक बीमारियों से पार पाने की क्षमता आज के वैज्ञानिकों में न के बराबर है, और समाज का ढांचा संयुक्त परिवार से घट कर एकल हो गया है। इस प्रक्रिया ने इन परिस्थितियों को उत्पात का रूप देने में काफी मदद की है। उदाहरण के लिए कटे-फटे ओंठ व तालू, किन्नर (मंगल मुखी), मोटापा, कैंसर, मोतिया बिंद, रतौंधी, सिकल-सैल एनीमिया, हीमोफीलिया, गठिया आदि। इनके होने के बहुत से कारणों में वही मानसिक असंतुलन, वायुमंडल, शराब, पारिवारिक तनाव, दवाएं, सिगरेट, फास्ट फूड आदि अधिकतर हैं।
यह पुस्तक ”आनुवांशिक उत्पात” आनुवांशिक बीमारियों के बारे में अपने सुधी पाठकों को जागरूक करेगी।
Author: Subhash Chandra Gurudev
Publisher: Diamond Books
ISBN-13: 9789389807776
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 114
Country of Origin: India
International Shipping: No
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