Description
विलुप्ति के कगार पर खड़ी भारत की एक सबसे प्राचीन मानी जानेवाली असुर आदिवासी जनजाति पिछले दिनों काफी चर्चा में रही है। अपनी कुछ खास विशेषताओं, मान्यताओं और कुछ खास माँगों के कारण इसने सभ्य समाज का ध्यान अपनी ओर आर्किषत किया है। दरअसल इस असुर जनजाति के लोग लौह अयस्क को खोजनेवाले तथा लौह धातु से हथियार आदि निर्माण करनेवाले विश्व की चुनिन्दा जनजातियों में से एक हैं। ये लोग अपने को पौराणिक असुरों का वंशज मानते हैं। पिछले दिनों ये चर्चा में तब आए जब इनके कुछ बुद्धिजीवी कार्यकत्ताओं ने यह माँग उठायी कि दशहरा में दुर्गा की महिषासुर र्मिदनी की जो प्रतिमा लगायी जाती है तथा उसमें उन्हें जो हिंसक रूप में दिखाया जाता है और महिषासुर का भीभत्स तरीके से वध करते हुए दिखाया जाता है उससे उनकी भावना को ठेस पहुँचती है। यह उनके पूर्वजों का ही नहीं अपितु सम्पूर्ण असुर आदिवासी समुदाय का अपमान है। सभ्य समाज के लिए ऐसा वीभत्स और अभद्र अन प्रदर्शन सभ्यता के विरुद्ध है। इसलिए इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।.
Author: Shrirang
Publisher: Shrirang
ISBN-13: 9.78939E+12
Language: Hindi
Binding: Hardbound
No. Of Pages: 224
Country of Origin: India
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