Description
घुमक्कड़ शास्त्र
प्रथम सस्करण
‘घुमक्कड़-शास्त्र’ के लिखने की आवश्यकता मैं बहुत दिनों से अनुभव कर रहा था। मैं समझता हूँ और भी समानधर्मा बन्धु इसकी आवश्यकता को महसूस कर रहे होंगे। घृमक्कड़ी का अंकुर पैदा करना इस शास्त्र का काम नहीं ; बल्कि जन्मजात अंकुरों की पुष्टि, परिवर्धन तथा मार्ग-प्रदर्शन इस ग्रन्थ का लक्ष्य है। घुमक्कड़ों के लिए उपयोगी सभी बातें सूक्ष्म रुप में यहाँ आ गई हैं, यह कहना उचित नहीं होगा, किन्तु यदि मेरे घुमक्कड़ मित्र अपनी जिज्ञासाओं और अभिज्ञाताओं द्वारा सहायता करें, तो मैं समझता हूँ, अगले संस्करण में इसकी कितनी ही कमियाँ दूर कर दी जायेंगी।
इस ग्रंथ के लिखने में जिनका आग्रह और प्रेरणा कारण हुई, उन सबके लिए मैं हार्दिक रूप से कृतज्ञ हूँ। श्री महेश जी और श्री कमला परियार (अब सांकृत्यायन) ने अपनी लेखनी द्वारा जिस तत्परता से सहायता की, उसके लिए उन्हें मैं अपनी और पाठकों की ओर से भी धन्यवाद देना चाहता हूँ। उनकी सहायता बिना वर्षों से मस्तिष्क में चक्कर लगाते विचार कागज पर न उतर सकते।
Author: Rahul Sankriyayan
Publisher: Kitab Mahal Publisher
ISBN-13: 9788122502664
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2022
No. Of Pages: 96
Country of Origin: India
International Shipping: Yes
Reviews
There are no reviews yet.