Description
रवींद्रनाथ ठाकुरविश्व साहित्य जगत् में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का नाम अमर है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी टैगोर ने कविता; गान; कथा; नाटक; उपन्यास; प्रबंध; शिल्पकला इत्यादि विधाओं में साहित्य-सृजन किया। वे कुशल संगीतकार भी थे। उनका संगीत ‘रवींद्र संगीत’ के नाम से जाना जाता है। वे एक उच्च कोटि के चित्रकार भी थे।हमारा राष्ट्रगान—‘जन गण मन’ और बँगलादेश का राष्ट्रीय गान—‘आमार सोनार बांग्ला’ उन्हीं की अमर रचनाएँ हैं। ‘गीतांजलि’ के लिए उन्हें सन् 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला। इसका एक अनूदित काव्यांश देखिए—‘स्वप्न मेरा किस गंध से हुआ सुवासित;किस आनंद से काँप उठा घर का अँधेराधूल में पड़ी नीरव मेरी वीणा—बज उठी अनाहत; पाकर कौन सा आघात।’गुरुदेव ने शिक्षा को नई दिशा देने के लिए ‘शांतिनिकेतन’ की स्थापना की। गांधीजी को ‘महात्मा’ की उपमा दी; जो बापू के नाम का पर्याय बन गई। विश्वपटल पर अपनी अप्रतिम बहुमुखी प्रतिभा और क्षमताओं का लोहा मनवानेवाले गुरुदेव की प्रेरणादायी प्रामाणिक जीवनी।
Author: Dinkar Kumar
Publisher: Prabhat Publication
ISBN-13: 9789350484111
Language: Hindi
Binding: Paperback
Product Edition: 2015
No. Of Pages: 143
Country of Origin: India
International Shipping: No
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