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Kabhi Ke Baad Abhi (Hindi) By Vinod Kumar Shukla (9789392757006) Rajkamal Prakashan

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Description

1 जनवरी, 1937 को राजनाँदगाँव (छत्तीसगढ़) में जन्मे विनोद कुमार शुक्ल बीसवीं शती के सातवें–आठवें दशक में एक कवि के रूप में सामने आए। धारा और प्रवाह से बिलकुल अलग, देखने में सरल किंतु बनावट में जटिल अपने न्यारेपन के कारण उन्होंने सुधीजनों का ध्यान आकृष्ट किया था। अपनी रचनाओं में वे मौलिक, न्यारे और अद्वितीय थे, किंतु यह विशेषता निरायास और कहीं से भी ओढ़ी या थोपी गई नहीं थी। यह खूबी भाषा या तकनीक पर निर्भर नहीं थी। इसकी जड़ें संवेदना और अनुभूति में हैं और यह भीतर से पैदा हुई खासियत थी। तब से लेकर आज तक वह अद्वितीय मौलिकता अधिक स्फुट, विपुल और बहुमुखी होकर उनकी कविता, उपन्यास और कहानियों में उजागर होती आई है। वह इतनी संश्लिष्ट, जैविक, आवयविक और सरल है कि उसकी नकल नहीं की जा सकती।

विनोद कुमार शुक्ल कवि और कथाकार हैं। दोनों ही विधाओं में उनका अवदान अप्रतिम है। उनकी रचनाओं ने हिंदी उपन्यास और कविता की जड़ता और सुस्ती तोड़ी ? तथा भाषा और तकनीक को एक रचनात्मक स्फूर्ति दी है। उनके कथा साहित्य ने बिना किसी तरह की वीरमुद्रा के सामान्य निम्न मध्यवर्ग के कुछ ऐसे पात्र दिए जिनमें अद्भुत जीवट, जीवनानुराग, संबंधबोध और सौंदर्य चेतना है, किंतु यह सदा अस्वाभाविक, यत्नसाध्य और ‘हिरोइक्स’ से परे इतने स्वाभाविक, निरायास और सामान्य रूप में हैं कि जैसे वे परिवेश और वातावरण का अविच्छिन्न अंग हों।

विनोद कुमार शुक्ल का आख्यान और बयान–कविता और कथा दोनों में मामूली बातचीत की मद्धिम लय और लहजे में, शुरू ही नहीं खत्म भी होता है। रोजमर्रे के, सामान्य व्यवहृत, एक हद तक घिसे–पिटे शब्दों में उनका समूचा साहित्य लिखा गया है। उनकी रचनाओं में उपस्थित शब्दों में एक अपूर्व चमक और ताजगी चली आई है और वे अपनी संपूर्ण गरिमा में प्रतिष्ठित दिखाई पड़ते हैं। उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, म–प्र– शासन का राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, मोदी फाउंडेशन का दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान’ सहित अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उनकी रचनाएं कई भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुदित हुई हैं। फिल्म और नाट्य विधा ने भी उनकी रचनाओं को आत्मसात किया है। इनकी कृतियों पर बनी फिल्में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में चर्चित–पुरस्कृत भी हुर्इं। प्रकृति, पर्यावरण, समाज और समय से उनकी संपृक्ति किसी विचारधारा, दर्शन या प्रतिज्ञा की मोहताज नहीं। निश्चय ही वे एक अद्वितीय और मौलिक रचनाकार हैं।



Author: Vinod Kumar Shukla
Publisher: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9789392757006
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
Country of Origin: India
International Shipping: No

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Weight 0.240 kg

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