DISCOUNT 20%

Lokayat (Hindi) (9788126709441) Rajkamal Prakashan

476.00

(20% OFF)

Add Rs.65/- for PAN India delivery
Free delivery of orders above Rs. 499/- by Registered Post

In stock


instock Guaranteed Service International Shipping Free Home Delivery

Description

यह पुस्तक प्राचीन भारतीय भौतिकवाद की मार्क्सवादी व्याख्या प्रस्तुत करती है। पाश्चात्य व्याख्याताओं ने भारतीय दर्शन के इस सशक्त पक्ष की प्रायः उपेक्षा की है। उनकी उपनिवेशवादी इतिहास-दृष्टि इस बात को बराबर रेखांकित करती रही है कि भारतीय दर्शन की मूल चेतना पारलौकिक और आध्यात्मिक है। उसमें जीवन तथा जगत के यथार्थ को महत्त्वहीन माना गया है अथवा उसकी उपेक्षा की गई है। देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय ने प्राचीन ग्रंथों, पुरातात्विक और नृतत्वशास्त्रीय प्रमाणों और ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर इस बात का खंडन किया है। उनका कहना है कि प्राचीन भारत में लौकिकवाद और अलौकिकवाद, दोनों ही मौजूद थे। राजसत्ता के उदय के बाद शासक वर्ग ने लौकिक चिंतन को अपने स्वार्थ के लिए नेपथ्य में डाल दिया तथा पारलौकिक चिंतन को बढ़ावा दिया और भारतीय चिंतन की एकमात्र धारा के रूप में उसे प्रतिष्ठा दिलाई। इसलिए प्राचीन भारत के लौकिक चिंतन को समझे बिना हमारी इतिहासदृष्टि हमेशा धुँधली रहेगी। यह पुस्तक इतिहास, दर्शन, भारतीय साहित्य और संस्कृति में दिलचस्पी रखनेवाले जिज्ञासुओं के लिए समान रूप से उपयोगी है। इस पुस्तक का विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.



Author: Deviprasad Chattopadhyay
Publisher: Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd.
ISBN-13: 9788126709441
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
No. Of Pages: 551
Country of Origin: India
International Shipping: No

Additional information

Weight 0.856 kg

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Lokayat (Hindi) (9788126709441) Rajkamal Prakashan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *