Description
भारत में प्रचलित पौराणिक कथाओं के समान यूनान भी अनगिनत मिथकों से समृद्ध है जिनकी गाथा लेखक ने अपने अनूठे और बेहद रोचक ढंग से प्रस्तुत की है। इन कथाओं को पढ़ते हुए आश्चर्य होता है कि यूनानी और भारतीय पारम्परिक कथाओं में कितनी समानता है। क्या प्राचीन यूनानी और हिन्दू कथाओं में कोई गहरा तारतम्य था? क्या इसका कारण यह है कि दोनों सभ्यताओं का स्रोत इंडो-यूरोपियन है? इस पुस्तक में देवदत्त पट्टनायक अपनी भारतीय दृष्टि से यूनानी पारम्परिक कथाओं को देखते हैं और पाठकों के सम्मुख दोनों सभ्यताओं और मिथकों की समानताओं को उद्घाटित करते हैं। देवदत्त पट्टनायक पौराणिक विषयों के जाने-माने विशेषज्ञ हैं। पौराणिक कहानियों, संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का हमारी आधुनिक ज़िन्दगी में क्या महत्त्व है, इस विषय पर वह लिखते हैं, व्याख्यान देते हैं और साथ ही चित्र भी बनाते हैं। 1996 से अब तक उनकी 30 से अधिक पुस्तकें और 700 से अधिक स्तम्भ प्रकाशित हो चुके हैं, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला है कि किस प्रकार कहानियों, प्रतीकों और कर्मकांडों से प्राचीन और आधुनिक संस्कृतियों में कल्पित कथा और आत्मगत यथार्थ को देखा और समझा जा सकता है। शिव के सात रहस्य, विष्णु के सात रहस्य, देवी के सात रहस्य, भारतीय पौराणिक कथाएँ, भारत में देवी, पशु, शिखण्डी, सीता के पाँच निर्णय और शिव से शंकर तक उनकी अन्य बहुचर्चित पुस्तकें हैं। लेखक के बारे में www.devdutt.com पर आप और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Author: Devdutt Pattanaik
Publisher: 9789386534347
ISBN-13: 9789386534347
Language: Hindi
Binding: Paperbacks
Country of Origin: India
International Shipping: No
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